कक्षा ११ के लिए - गणित की वह शाखा जिसमें ज्यामिति का बीजगणितीय अध्ययन किया जाता है उसे निर्देशांक ज्यामिति कहते हैं
इसमें ज्यामितीय आकृतियों का बीजगणितीय समीकरणों द्वारा अध्ययन किया जाता है ा
णित की वह शाखा जिसमें ज्यामिति का बीजगणितीय अध्ययन किया जाता है उसे निर्देशांक ज्यामिति कहते हैं I इसमें ज्यामिति आकृतियों का बीजगणतीय समीकरणों द्वारा अध्ययन किया जाता है
माना एक सरल रेखा को बिंदु O दो बराबर भागों में बांटता है तब O के दायीं तरफ का भाग धनात्मक भाग तथा बायीं तरफ का भाग ऋणात्मक भाग कहलाता है इस रेखा पर धनात्मक वास्तविक संख्याएँ धनात्मक भाग पर तथा ऋणात्मक वास्तविक संख्याएँ ऋणात्मक भाग पर बिंदुओं द्वारा निरूपित की जाती हैं ा उपरोक्त रेखा संख्या रेखा या वास्तविक रेखा कहलाती है दो वास्तविकसंख्यायों के बीच में अपरिमित परिमेय या अपररिमेय संख्याएँ होती हैं ाकार्तीय निर्देशांक निकाय :
माना दो सीधी रेखाएँ X'OX व् Y'OY हैं जो एक दूसरे को बिंदु O पर काटती हैं अब (x y) समतल में कोई बिंदु P है निर्देशांक (x, y) के पता होने पर बिंदु P की समतल में पोजीसन का पता चलता है x- अक्ष पर इसके द्वारा चली गयी दूरी x तथा y-अक्ष पर चलीगयी दूरी y होगी x- अक्ष पर y का मान 0 तथा y-अक्ष पर x का मान हमेशा 0 होगा ा मूल बिंदु को O से प्रदर्शित करते हैं तथा इसके निर्देशांक (0, 0) होते हैं ा
इस प्रकार हमें चार चतुर्थांश प्राप्त हैं प्रथम चतुर्थांश व्दितीय चतुर्थांश तृतीय चतुर्थांश तथा चतुर्थ चतुर्थांश कहलाते हैं ा प्रथम चतुर्थांश में x =+ve, y =+ve अर्थात (x, y) (+, +) , व्दितीय चतुर्थांश में x = -ve, y =+ve अर्थात (-x, y) (-, +) , तृतीय चतुर्थांश में x= -ve, y= -ve अर्थात (-x, -y) (-, -) तथा चतुर्थ चतुर्थांश में x= +ve, y= -ve अर्थात (x, -y) (+, -) होत है ा
और अधिक वीडिओ देखने के लिए यूटयूब हमारी लिंक ओपन करें >>>
दो बिन्दुओं के बीच की दूरी (Distance between Two Points):-
0 comments:
Post a Comment